मैं ओर मेरी मम्मी 8x8 के बिना खिड़की वाले कमरे में 12 दिन से हैं

मैं ओर मेरी मम्मी 8x8 के बिना खिड़की वाले कमरे में 12 दिन से हैं



दोस्तो,


मुझे और मेरी मम्मी को अरबिंदो हॉस्पिटल आये पूरे 12 दिन हो गए है, हम दोनों अलग अलग रूम में रह रहे है। इस 8*8 के रूम में सिर्फ चार दीवार, बिस्तर और एक कुर्सी के अलावा कुछ भी नही है, यहाँ तक कि मेरे रूम में एक खिड़की भी नही है, ना कोई हम से मिल सकता है और ना ही हम बाहर जा सकते है। बाहर की धूप को देखे हुए , यह तक कि, पैसेज तक गए हुए, 12 दिन हो गए है। पूरे दिन सिर्फ और सिर्फ रूम में ही रहते है।


आप लोग जो घर पर बोर हो रहे है, और कही न कही बाहर जाकर लोगो से मिलने की इच्छा रख रहे है, मैं आप लोगो को बताना चाहूंगा कि, आप लोग बहुत किस्मत वाले हो, जिन्हें परिवार वालो के साथ समय बिताने का मौका मिल रहा है, आप लोग घर का खाना खा पा रहे हो, परिवार के दूसरे सदस्यों को देख पा रहे हो, एक रूम से दूसरे रूम तक जा पा रहे हो। 


हमे यह कितने दिन और रहना पड़ेंगा कुछ भी क्लियर नही है। हॉस्पिटल और प्रशासन ने हम सभी की भलाई के लिए ही यह कदम उठाए है, मगर परिवार वालो से इतने दिन तक दूर रहना वाकई दुखद है। 


यह मैसेज, मेरे मित्र घनश्यामजी के कहने पर लिख रहा हु, मेरी उनसे बात हुई थी, तब पता चला कि अभी भी बच्चे गार्डन में खेलने जा रहे है, कुछ लोग शाम को आपस मे मिल रहे है। कोरोना बीमारी आप तक किसी भी माध्यम से पहुच सकती है, और आपके परिवार के एक सदस्य से यह पूरे परिवार में फैल सकती है। इस बीमारी के बारे में पता चलने में भी समय लगता है, जब तक आपको पता चलता है, कि आपके परिवार का कोई सदस्य कोरोना पॉजिटिव है, तब तक आप उसी सदस्य के साथ दिन रात रहते है, तब यह बीमारी आप तक भी पहुँच सकती है। 


अभी प्रशासन बहुत सतर्क और सख्त हो गया है, हो सकता है, आपके परिवार के किसी सदस्य को कोरोना निकलने पर वह , पूरे परिवार को घर से दूर आइसोलेशन में ले जा सकते है। और जितनी तेजी से कोरोना के केसेस आ रहे है, उस हिसाब से आपको प्रशासन ध्यान नही दे पाए, आपको रहने की,खाने की, सोने की,पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 


यह मैसेज आप लोगो को डराने के लिए नही लिख रहा, अपितु सावधान हो कर इस बीमारी को सीरियसली लेने के उद्देश्य से लिख रहा हु। आप चाहे घर पर कितने ही बोर क्यों न हो रहे हों, जब तक बहुत जरूरी ना हो, घर से बाहर मत जाए और ना ही बच्चो को बाहर खेलने या किसी कारण से जाने दे। आपकी एक गलती, आपको ही नही , बल्कि पूरे परिवार को परेशानी में डाल सकती है।


कोरोना से हमारा परिवार जितना दुखी हुआ है, भगवान आप लोगो को वो परेशानी कभी न आने दे। 


अजय सिंघल