हे मातृभूमि तेरी, जय जयकार हो, 

हे मातृभूमि तेरी, जय जयकार हो, 



इस विशाल नभ में, 
जय हो सदा विजय हो ||1|| 
हे मातृभूमि तेरी, जय जयकार हो| 


मानव मन के हृदय भाल में, 
नूतन दिव्य प्रकाश हो ||2|| 
हे मातृभूमि तेरी, जय जयकार हो|


विद्या, विनय, विवेक भाव में, 
नेह हृदय उल्लास हो ||3|| 
हे मातृभूमि तेरी, जय जयकार हो|


जीवन निर्मल सच भावों में, 
शुचिता का सरधान हो ||4|| 
हे मातृभूमि तेरी, जय जयकार हो| 
             


                         -डॉ. निर्मल शास्त्री