आज दो जैन सन्तों की समाधि

आज दो जैन सन्तों की समाधि
मुनि श्री सहृदयसागरजी की समाधि- आज प्रातः दो जैन सन्तों की समाधि हुई, राजस्थान प्रतापगढ़ से लगभग 10 कि.मी. की दूरी पर स्थित ‘शांतिनाथ’ स्थान मंदिर परिसर में साधनारत परम पूज्य चतुर्थ पट्टाधीश आचार्यश्री 108 सुनीलसागरजी महाराज के शिष्य मुनि श्री सहृदयसागरजी महाराज की आज दिनांक 10 अप्रैल को प्रातः 6.15 बजे हो इन्हीं आचार्यश्री के निर्यापकाचार्यत्व और ससंघ सान्निध्य में सल्लेखना पूर्वक समाधि हो गई। अग्नि क्रिया 7.15  बजे हुई। दिनांक 17 अप्रैल 2020 को ही क्षुल्लक श्री सुहृदयसागरजी को उनके अनुनय पर आचार्यश्री सुनीलसागरजी महाराज ने मुनि दीक्षा संस्कार किये थे, और नाम दिया था मुनि श्री सुहृदयसागर। 
 नरवाली राजस्थान के निवासी सेठ माणिकलाल जी ने सन् 2017 में कांठल की पापवन भूमि पर महावीर जयंती के दिन आचार्य श्री आदिसागर अंकलीकर परंपरा के चतुर्थ पट्टाधीश, प्राकृत ज्ञानकेशरी आचार्य श्री सुनीलसागरजी महाराज से क्षुल्लक दीक्षा ली थी और तभी से संघ में साधनारत थे।



आर्यिका श्री सुदिव्य मति माताजीकी समाधि- नेताजी नगर अहमदाबाद में ससंघ साधना रत प.पू.गणिनी प्रज्ञाश्रमणी आर्यिकारत्न 105 श्री शुभमति माताजी के निर्यापकत्व में उन्हीं की सुशिष्या आर्यिका 105 श्री सुदिव्य मति माताजी की आज सुबह 9 बजकर 22 मिनिट पर सल्लेखना पूर्वक समाधि हुई।  ।