अनूठी सम्पदा है सिरि भूवलय - आचार्य विभवसागर सिरि भूवलय शास्त्र अनूठी सम्पदा है, जिसमें केवल अंकों-अंकों में कला-विज्ञान, तीन सौ त्रेषठ दर्शन और ७१८ भाषाएँ समाहित सभी दर्शनों, सभी धर्मों के मूल ग्रन्थ व अध्यात्म समाहित है। आगम हमारी आत्मा का विभव है। यह बात आचार्य श्री विभवसागर जी महाराज

अनूठी सम्पदा है सिरि भूवलय - आचार्य विभवसागर


आपका स्वागत करत (हाल भारतवायादमावर जनावयास अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तिर तत्वावधान भारतवाय दिगम्बर जैन विद्वत्परिषद - के तत्वाआयोजित पवाद गणाचार्य सागर जा सिरि भूवलय शास्त्र अनूठी सम्पदा है, जिसमें केवल अंकों-अंकों में कला-विज्ञान, तीन सौ त्रेषठ दर्शन और ७१८ भाषाएँ समाहित हैं जिसमें सभी दर्शनों, सभी धर्मों के मूल ग्रन्थ व अध्यात्म समाहित है। आगम हमारी आत्मा का विभव है। यह बात आचार्य श्री विभवसागर जी महाराज ने शनिवार को जैन संस्कृति शोध संस्थान व AMAU संस्कृति शोध संस्थान श्री अखिल भारवर्षीय दीरम दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद् के संयुक्त तत्त्वावधान में जिंसी-इन्दौर स्थित संस्थान-भवन में आयोजित एक विद्वत् संगोष्ठी में व्यक्त कियेउन्होंने संस्थान में संरक्षित तेरह सौ वर्ष प्राचीन ताडपत्रों की पाण्डुलिपियों व ताम्रपत्रों का अवलोकन कर कहा कि ऐसे शास्त्रों का मात्र श्री अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत्परिषदारजि.) दर्शन करके ही हमारे कर्मों की निर्जरा अर्थात् पापों का नाश होता है. इनके दर्शन कर हम धन्य हैं। प्रातः ७ बजे से आयोजित इस संक्षिप्त विद्वत् गोष्ठी में जैन पत्र महासंघ के अध्यक्ष और संस्कार सागर पत्रिका के सम्पादक ब्र. जिनेश मलैया, विद्वत्परिषद् के महामंत्री डॉ. महेन्द्र कुमार जैन ‘मनुज', जैन संस्कृति शोध संस्थान के अध्यक्ष श्री हेमंत सेठी, विद्वत् महासंघ के संयुक्तमंत्री तथा विद्वत् परिषद् के पदाधिकारी पं सुरेश मारौरा, सर्वार्थसिद्धि संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गजेन्द्र कुमार जैन, सिरि भूवलय अन्वेषण परियोजना की परियोजनाधिकारी श्रीमती आशा जैन, वाराणसी महाविद्यालय के शास्त्री पं. शिखरचन्द्र जैन, जैन अभिभाषक संघ के एडवोकेट राकेश जैन, पुलक जन चेतना मंच के सक्रिय सदस्य व गोलापूर्व महासभा के पदाधिकारी श्री प्रवीण जैन, श्री अभिषेक जैन-मडावरा, श्री बवन कदम, बिक्की भैया, श्री विपुल पाल आदि उपस्थित सहभागियों को श्रमणाचार्यश्री विभवसागर जी महाराज ने आशीर्वाद प्रदान किया। आचार्य श्री के साथ उनका संघ भी इस कार्यक्रम में पधारा था। सभा की अध्यक्षता ब्र. जिनेश मलैया, संचालन डॉ. महेन्द्र कुमार जैन 'मनुज' व धन्यबाद ज्ञापन पं. सुरेश मारौरा ने किया-आशा जैन, परियोजनाधिकारी ਜੀ ਕਾਰ ॥ तवमायादगावर जनावनात्यारपत्र ACKiरियन भासवर्गीय दिनम्बरजन विपरिवार Dev