अहिंसक राजा मिला है उसकी बात मानो : आचार्य विद्यासागर

अहिंसक राजा मिला है उसकी बात मानो : आचार्य विद्यासागर


आचार्य श्री ने किया मोदी के कोरोना रोकथाम का समर्थन


गुरुवर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने प्रवचन में कहा- कोराना के प्रकोप से बचने के लिए जो प्रधानमंत्री ने कहा है उस बात को मानो तीर्थोदय धाम, प्रतिभा स्थली, सावेर रोड इंदौर आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज ने गत शुक्रवार २०–मार्च २०२० को प्रवचन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा कोरोना वायरस रोकथाम के लिए जो कहा है उस बात को आप सभी मानो।' आचार्य श्री ने कहा की जो 'अहिंसक देवों' की उपासना करता हो राजा है १३० करोड़ जनता का। जिससे संरक्षण हो रहा हो, वह नवरात्री की बात कर रहा हो और देवताओं का उपासक हो अहिंसक हो। पहले के राजा अलग होते थे लेकिन यह राजा जो नेता होकर के भी जब अमेरिका देश गए तो निम्बू की शिकंजी ही ग्रहण की। आप लोग ध्यान रखो ऐसे धर्म ध्यान करने वाले शासक आपको मिले हैं। सभी अब अहिंसक हो रहे हैं। आप ही ने उन्हें चुन कर भेजा है। प्रकोप से बचने के ये ही साधन हैं और कुछ नहीं। उन्होंने कहा संकल्प रखो, संयम रखोसंयम रखने की जो बात कहता हो वह नेता होकर के भी तो वह आप लोगो के लिए तो आदर्श है। उनके लिए जो भी आवश्यक है, आप लोग मुक्त कंठ से सराहना करें। जैसे उन्होंने कहा कि मैं उद्योगपति और व्यापारियों को कहता हूँ वे अपनी लक्ष्मी का सदुपयोग यथोचित समय पर करते रहें। यह उनका अधिकार है उस लक्ष्मी पर और हमारा भी अधिकार है कि वे भी लक्ष्मी का सदुपयोग करें गाँठ बाँध कर न रखे, खोल दें भामाशाह बन जाएं जहां लगे बचाना है वहीं बचाएं और जहां लगाना हो वहीं लगाएं। कल क्या होगा ये न सोचें ? दान दिया है, इसका कई गुना ज्यादा आपको मिलने वाला है। इकट्ठा करने वालों को हम आशीर्वाद नहीं देते। आप दान दें, हम खूब सारा आशीर्वाद देंगे आप लोग उन्हें आश्वस्त करें की वे कोई चिंता न करेंहमारे पास पूर्व के इतिहास का अनुभव है, जब 12 साल के अकाल का अनुभव हुआ था। अतीत में तो बिना कुछ खाए पिए भी अरिहंत सिद्ध की उपासना की गई है। अब ये हिंसा का तांडव नृत्य ज्यादा दिन तक टिकने वाला नहीं है। फिर भी यह प्रकृति का प्रलय है। इसको अच्छे ढंग से सहन कर के यह संलेखना के लिए काम आने वाला है। ज्यादा खाने को नहीं कह रहे हैं। नपा-तुला खाओ आपका कर्तव्य है नागरिक होने के नाते आप भी संक्रमित न हों और दूसरों को भी बचाएं । अहिंसा का पालन करें अहिंसा का वातावरण बनाएं। आपको स्वतंत्रता मिली है, तभी आप बैठ कर धर्म ध्यान कर पा रहे हैं । वहाँ जो बॉर्डर पर सेना लगी हुई है, अतिक्रमण न हो इसलिए वहाँ वे सुरक्षा कर रहे हैं उस सेना के लिए भी आपका सर्वप्रथम कर्तव्य है कि आपका सहयोग उन्हें मिले और सरकार को भी आप सहयोग करें। क्योंकि जैनियों का जो इतिहास रहा है उसको कायम रखने के लिए आपको हमेशा सहयोग करते रहना हैं । पूरा त्याग कर दो, ऐसा नहीं कह रहे है हम


संग्रह-निर्मलकुमार पाटोदी, इन्दौर