अधीनता नहीं स्वाधीनता खोजो : मुनि श्री सुप्रभ सागर
अधीनता नहीं स्वाधीनता खोजो : मुनि श्री सुप्रभ सागर

 

स्वतंत्रता दिवस की पूर्वबेला पर ऑनलाइन संदेश में बोले मुनिश्री

ललितपुर। ललितपुर में चतुर्मासरत परम पूज्य श्रमणाचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य श्रमणरत्न मुनि श्री 108 सुप्रभ सागर जी महाराज ने गौशाला मसौरा में स्वतंत्रता दिवस की पूर्वबेला में ऑनलाइन संबोधित किया।

मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज ने अपने ऑनलाइन संबोधन में कहा कि अधीनता पर नहीं स्वाधीनता पर सच्ची शांति मिलती है। अविद्या के वशीभूत होकर आजतक जीव अधीनता पर ही सुख-शांति की खोज करता आ रहा है। उसे ही सुख का कारण मान रहा है। आजतक जिन्होंने निज स्वरूप को नहीं समझा और ना ही समझने का पुरुषार्थ कर रहे हैं वे लोग ही पराधीनता के बंधन में बंधते आ रहे हैं। जिन्होंने निजस्वरूप को जान लिया वे स्वाधीनता को पाकर सच्चे सुख की अनुभूति ले रहे हैं। परिणति के माध्यम से ही गतियों का परिभ्रमण कर रहा है। चाह तो शाश्वत सुख की बनाये हुए है लेकिन राह शाश्वत सुख की नहीं प्राप्त की। चाह के साथ राह पर गमन करो और पर्याय और पर्यायी दोनों को स्वतंत्र समझो। स्वतंत्रता हमारे अंदर ही है, पराधीनता भी हमारे अंदर है।  राह और चाह हमें बनाना है। पर्याय की स्वतंत्रता के साथ भव को गतियों से स्वतंत्रता पाने के लिए हमें निजस्वरूप को पाना होगा। जो अनादि से स्वतंत्र हैं उसे जानना होगा। पर को नहीं निज को पाना ही वास्तविक स्वतंत्रता दिवस है। बंधन से  मुक्त होना है तो परिणामों को बनाइये।

मुनि श्री प्रणतसागर जी ने कहा कि विविधता में एकता ही भारत की पहचान और ताकत है।

 

 


मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज के गृहस्थ अवस्था के पिताजी के स्वर्गवास होने पर दी गयी भावभीनी श्रद्धांजलि :

ब्र. साकेत भैया जी  एवं नगर में चतुर्मासरत मुनि श्री सुप्रभ सागर महाराज जी के गृहस्थ अवस्था के पिता श्री राजन शाह सोलापुर निवासी,  पुणे प्रवासी का  देहावसान होने पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि समर्पित की गई। 

दोनों संतानों को मोक्ष मार्ग पर अग्रसर करने वाले पिता इस पंचमकाल में विरले ही होते हैं। ऐसे पिता को  नमन करते हैं।  निश्चित ही वे सद्गति को प्राप्त हुए होंगे। उनके योगदान के लिए श्रमण संस्कृति में उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।


 

 

 

प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्रता दिवस पर शपथ लेनी चाहिये कि हम भारत के एक जिम्मेदार और शिक्षित नागरिक बनेंगे और गंभीरता से अपने कर्तव्यों को निभाएंगे।

मुनिश्री ने दिया ऑनलाइन सम्यक समाधान :

'सुप्रभ उवाच' यूट्यूब चैनल के माध्यम से ऑनलाइन समीचीन विकल्पों का सम्यक समाधान मुनि श्री सुप्रभ सागर जी ने किया।

ऑनलाइन प्रश्नों को संघस्थ मुनि श्री प्रणत सागर जी महाराज ने रखा। प्रतिष्ठाचार्य विनोद जैन रजवांस, बृजेश शास्त्री महुआ राजस्थान, उर्निल जैन जिरकपुर पंजाब, डॉ सुनील संचय ललितपुर, बिट्टू जैन इंदौर, पी के जैन मेलबर्न, आस्ट्रेलिया, शुभम जैन बड़ामलहरा, सलोनी जैन पांडिचेरी, राजू ललितपुर, चंचल ललितपुर आदि के ऑनलाइन प्रश्नों का मुनिश्री ने सम्यक समाधान किया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम के नमनकर्ता रवीन्द्र गहाणकर परिवार अमरावती महाराष्ट्र हैं।

मुनि श्री सुप्रभ सागर जी प्रतिदिन समीचीन विकल्पों का ऑनलाइन सम्यक समाधान कर रहे हैं। समीचीन विकल्पों के सम्यक समाधान प्राप्त करने के लिए इन नंबर पर अपने प्रश्न भेज सकते हैं 87075 48811, 07415306441 प्रश्न व्हाट्सएप पर मेसेज, ऑडियो मेसेज या ईमेल  के माध्यम से भेजे जा सकते हैं। 

 

 

संग्रह- डॉ. सुनील जैन संचय, ललितपुर